टेम्पों तिपहिया ( बजाज ) को जबरन न लौटाने के मामलें में प्रतापगढ़ पुलिस की सक्षमता पर उठे सवाल

टेम्पों तिपहिया ( बजाज ) को जबरन न लौटाने के मामलें में प्रतापगढ़ पुलिस की सक्षमता पर उठे सवाल 


(1) रमेश यादव , मो.नं. - 9565183779 से लाल बृजेन्द्र बहादुर सिंह का टेम्पों तिपहिया  वापस दिलाया जाए.इसके अलावा एक वर्ष 10/10/2018 से अब तक जितनी भी  अनुमानित कमाई हुई हैं , उसे ब्याज सहित दिलाया जाए. (02) रमेश यादव द्वारा जबरन लाल बृजेन्द्र बहादुर सिंह का टेम्पों तिपहिया वाहन व्यवसायिक कार्य के लिए उपयोग किया जा रहा हैं इसलिए उनके खिलाफ संगत धाराओं में प्रथम सूचना रपट दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाए. (03 )  सितंबर से लेकर अब तक  रमेश यादव द्वारा जबरन टेम्पों तिपहिया वाहन को वापस न लौटाने को लेकर कानूनी कार्रवाही में विफल साबित हो चुके प्रभारी निरीक्षक अंतू से लेकर पुलिस अधीक्षक - प्रतापगढ़  के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाही किया जाये.यह पत्रकार एवं समाजसेवी नैमिष प्रताप सिंह की उत्तर प्रदेश सरकार से  तीन प्रमुख मांगे हैं जो कि  रमेश यादव  द्वारा जबरन  लाल बृजेन्द्र बहादुर सिंह का टेम्पों तिपहिया वापस न करने को लेकर पुलिस से हुई शिकायत पर कानूनी  कार्रवाई करने के मामलें में बरती गई शिथिलता को लेकर हैं.


आज  उत्तर प्रदेश राज्य में जब  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शासन - प्रशासन को ज्यादा से ज्यादा जबाबदेह और लोककल्याणकारी  बनाने के लिए लगातार अपनी प्रतिबद्धता दोहरा रहे हैं तो दूसरी ओर राज्य की पुलिस कई मौकों पर अपने कार्यशैली से मुख्यमंत्री की नेकनीयती को सवालों के घेरे में खड़ा कर दे रही हैं . एैसे ही एक मामला प्रतापगढ़ जनपद के अंतू थाने का हैं. बताते चले कि नगर पंचायत : अंतू , जालिया नगर के रहने वाले लाल बृजेन्द्र बहादुर सिंह का  टेम्पों तिपहिया (बजाज ) , जिसका पंजीकरण संख्या U P 72 T 9537 , उनके भाई गिरजेन्द्र कुमार सिंह के नाम से पंजीकृत था , जिसे व्यवसायिक रुप से प्रयोग किया जा रहा था और रमेश यादव इसका चालक था .उनके भाई की मृत्यु 10/10/2018 को हो गई  थी और इसके बाद रमेश यादव टेम्पों को लेकर फरार हो गया.जब कभी लाल बृजेन्द्र बहादुर सिंह की रमेश यादव से उसके फोन पर बात होती थी  तो टैम्पों लौटाने के बदले वह 50000 रूपये की मांग करता था . उन्होंने इसकी शिकायत पहले स्थानीय थाने अंतू पर किया ,  कोई सुनवाई होते न देखकर पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. पिछले वर्ष के सितंबर माह में उनके द्वारा पुन:पुलिस अधीक्षक को स्पीड पोस्ट से प्रार्थनापत्र भेजकर टेम्पों तिपहिया ( बजाज ) वापस दिलाने का अनुरोध किया गया.


          इसके बाद लाल बृजेन्द्र बहादुर सिंह ने किसी के जरिये राजधानी लखनऊ में रहने वाले पत्रकार एवं समाजसेवी नैमिष प्रताप सिंह से संपर्क किया. जिस पर उन्होंने कई बार एसपी प्रतापगढ़ को फोन किया जिसे हमेशा उनके पीआरओ द्वारा ही उठाया जाता हैं और उन्होंने नैमिष प्रताप सिंह को कई बार आश्वासन दिया कि थाने पर बोल दिया गया हैं जल्द से जल्द कार्रवाही होगी . इसके बाद जब भी नैमिष प्रताप सिंह ने प्रभारी निरीक्षक - अंतू और दूसरे निरीक्षक से बात किया तब उनकों  कार्रवाही का आश्वासन दिया गया. लाल बृजेन्द्र बहादुर सिंह स्वयं कई बार अपने वाहन को वापस करवाने के लिए थाने पर प्रस्तुत हो चुके हैं. स्थिति  यह हैं कि अंतू थाने में टेम्पों तिपहिया ( बजाज ) को जबरन ले जाने वाले रमेश यादव के विरुद्ध एक प्रथम सूचना रपट तक दर्ज नहीं हो पायी. वाहन मालिक लाल बृजेन्द्र बहादुर सिंह हैरान - परेशान घूम रहे हैं और उनके वाहन को जबरन उठा ले जाने वाला रमेश यादव उससे कमाई कर रहा हैं जिसके लिए यदि अंतू थाने से लेकर एसपी प्रतापगढ़ की गैर जिम्मेदराना कार्यशैली जिम्मेदार हैं तो फिर इस खुलेआम लूट का ज़िम्मेदार किसे माना जाए ?
                जुर्म और नाइंसाफी के खिलाफ कानून के दायरे में रहकर  उत्तर प्रदेश के कोने - कोने में लगातार आवाज बुलंद कर रहे पत्रकार एवं समाजसेवी नैमिष प्रताप सिंह ने टेम्पों तिपहिया ( बजाज ) को जबरन न लौटाने के मामलें में प्रतापगढ़ पुलिस की सक्षमता पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए हुई लापरवाही और अपराध को खुलेआम संरक्षण देने के लिए  पुलिस के खिलाफ भी  दंडात्मक कार्यवाई की मांग किया हैं. नैमिष प्रताप सिंह कहते हैं कि अपराध बढ़ने का एक बहुत बड़ा कारण यह हैं कि जब इसकी शुरुआत होती हैं अथवा यह न्यून स्तर पर रहता हैं तब जब यह पुलिस की जानकारी में आए और इस पर  कार्रवाई हो जाए तो अपराध की दर में कुछ घटोत्तरी हो जाए लेकिन यह दुर्भाग्य हैं कि जब कोई शिकायतकर्ता थाने पर जाता हैं तो उसे अनसुना कर दिया जाता हैं या फिर उसे इतना दौड़ाया जाता हैं कि वह इंसाफ की आस  छोड़कर घर बैठ जाता हैं जैसा कि रमेश यादव द्वारा लाल बृजेन्द्र बहादुर सिंह का जबरन टेम्पों तिपहिया वाहन न लौटाने को लेकर अंतू थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हुई शिकायत को लेकर पुलिस द्वारा बरते गए रवैए से हुआ है. भारत देश की व्यवस्थाएं अमीर - गरीब के आधार पर  लोकतांत्रिक मूल्यों - कानून के राज्य की अवधारणा के विरुद्ध आचरण करती हैं . इस सिस्टम में  गरीब  - वंचित - शोषित लोगों का कोई मानवाधिकार नहीं होता.


प्रस्तुति  'आर एस दूबे'